Uttrakhand Fire News: उत्तराखंड के जंगल में आग लगने से कितने लोगों की मौत हुई,Pushkar Dhami की सरकार आग बुझाने के लिए क्या कर..

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Uttrakhand Fire News: उत्तराखंड के जंगल में गुरुवार शाम को बिनसर अभ्यारदय में लगी जंगल की आग बुझाने पहुंचे थे, तभी आग की लपेट में वन विभाग के एक वन बीट अधिकारी ओर 2 फायर वाचर समेत कई लोग घायल और जलकर मौत हो गई हैं,तो आज के इस लेख में उत्तराखंड जंगल आग Uttrakhand Forest Fire के बारे मे जानेंगे.

Uttrakhand Fire News
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Uttrakhand Fire News: धधक के जंगल राख होती लकड़ियां और तबाह होती जिंदगियां यह मंजर है. उत्तराखंड के Uttrakhand Forest Fire अल्मोड़ा Almoda का 2 मई को यहां के जंगलों में आग लगी जिसे अब तक बुझाया नहीं जा सका है. 13 जून को इस आग को बुझाने गए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट forest department uttarakhand के चार कर्मचारी झुलस गए और चार ने अपनी जान गवा दी पिछले 45 दिन में यह आग 12 लोगों की मौत की वजह बन चुकी है. वहीं पिछले 6 महीने में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने से करीब 998 घटनाएं हो चुकी हैं. आखिर उत्तराखंड के जंगलों में हर साल आग क्यों लगती है. अब सरकार आग बुझाने के लिए क्या प्रयास कर रही है. सब जानेंगे इस में 2 मई 2024 उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जंगल झुलस रहे थे. जिले के पास का एक छोटा सा गांव सनरा कोट की चपेट में आ गया लोगों के घर जलने लगे शरीर से कपड़ों के चीथर जलकर गिरने लगे कुछ लोग इधर उधर भागे तो कुछ ने वहां रुककर आग बुझाने का तय किया आग बुझाने वाले लोगों में तारा दीपक ज्ञान और बसंती भी थे. यह चारों नेपाल से भारत मजदूरी करने आए हुए थे. आग बुझाते वक्त यह चारों आग की चपेट में आ गए गांव वालों ने उन्हें अस्पताल ले जाने की कोशिश की लेकिन उससे पहले ही चारों की जान चली चली गई. इस हादसे से पहले भी आग के भवर में फंसने से एक आदमी की जान चली गई थी. इन लोगों की मौत से सरकार तुरंत एक्शन मोड में आ गई और आग बुझाने का काम शुरू कर दिया. इस आग पर तो जैसे-तैसे काबू पा लिया गया लेकिन गर्मी बढ़ने की वजह से इसके आसपास के जंगलों में आग लगती गई जिससे अलग-अलग गांव के तीन और लोगों की जान चली गई. वन कर्मी लगातार आग बुझाने के काम में लगे हुए थे 13 जून 2024 की दोपहर को फिर से उत्तराखंड के जंगलों में आग लग गई इस बार यह आग अल्मोड़ा ALMODA के बिनसर में लगी थी शहर के वन्यजीव बिहार को आग की सूचना दी गई तुरंत ही आठ वन कर्मियों की टीम आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंच गई. लेकिन उसी वक्त तेज गर्मी और हवाओं की वजह से आग का बवंडर उठने लगा सभी वन कर्मी आग की चपेट में आ गए जिससे चार कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई. और चार बुरी तरह से झुलस गए घायल को बेस अस्पताल रेफर किया गया पूरे मामले पर वहां के रेंजर मनोज सांवल ने क्या कुछ बताया सुनिए आज लगभग तीन साढ़े बजे के करीब हमें सूचना मिली कि बिनसर का संख्या आठ में नीचे किसी ने गेरे में आग डाल दी है. और जैसे हम आग की सूचना मिली तो तुरंत हमारी जो टीम थी रूटीन में वो तैयार रहती थी और व जैसे उसको पता लगी तो घटना स्थल की ओर गई तो बसल गेट से पाछ किलोमीटर ऊप जाक बरकटिया नामक एक जगह है वहां से स्टाफ रोड से शायद संभवत जो हमको देख के भी लग रहा है. क्योंकि कोई भी स्टाफ जो उनमें से था वो बोलने की हालत में नहीं है. तो वहां से ये नीचे को दे देख करके एनालिसिस कर रहे थे कि आ कहां से हम इसको कंट्रोल करेंगे अचानक से तेज हवा का झोका आया और आग ने बिल्कुल एकदम से चारों ओर से घेर लिया और ये लोग वहीं पर आग आग में जंगल की आग में झुलस गए इस पूरे मामले परUttrakhand Fire News उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी Pushkar Singh Dhami ने घायलों की तुरंत मदद करने के आदेश दिए चार वन कर्मी हमारे बीच में नहीं रहे आपको बुझाने जा रहे थे और चार घायल है क्योंकि जो हताहत हुए हैं उनसे मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि भगवान उनको अपने श्री चरणों में स्थान दे और उनके परिवार के लोगों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें और जो लोग घायल हैं. जो आग से जले हुए हैं उनको चकि कल रात हो गई थी इसलिए सुशीला तिवारी रेफर किया गया और सुशीला तिवारी में जोक बर्निंग की कोई इतनी हाई कोई इस प्रकार की यूनिट नहीं है. और उनको सबदर जंग दिल्ली एम्स में बात की गई और उसके आदेश किए गए कि उनको जो है जो सबसे अच्छी सुविधा हो सकती है. व सुविधा उनको मिले तो सबदर जंग में एलेंस वहां पर आ गई है. उसके भी आदेश कर दिए चारों को वहां शिफ्ट किया जा रहा है. अच्छे से अच्छा जो इलाज है उनके लिए हो भगवान से प्रार्थना करते हैं. कि जल्दी से जल्दी वह स्वस्थ हो और अपने काम पर आए अपने घरों पर जाएं और साथ ही जो लोग इस घटना में दोषी हैं.

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Uttrakhand Fire News: जिनके कारण से किया गया सीसीएफ कुमाऊ चीफ कंजरवेटर नॉर्थ और डीएफओ अल्मोड़ा इन तीनों को ही जो है सस्पेंड करने के आदेश कर दिए हैं और इसमें सीधे-सीधे चेतावनी है क्योंकि मैं लंबे समय से हम लोग लगातार यह कहते रहे हैं. कि हमारे जो उच्चाधिकारी हैं वह धरातल पर चीजों को देखें उनको जाकर दे किसी प्रकार की कोई लापरवाही ना बरते फिलहाल सरकार हेलीकॉप्टर के जरिए नैनीताल की लेक से पानी लाकर आग बुझाने की कोशिश कर रही है. उत्तराखंड  Uttrakhand Fire News में हर साल आग लगने की दो बड़ी वजह सामने आती हैं. पहली है कि जंगल में कई ऐसी पत्तियां और छाल हैं जिनका रसायन ज्वलनशील होता है. गर्मी बढ़ने से इनमें खुद बखुदा आग लग जाती है दूसरी वजह यह कि गांव के लोग जंगल में जमीन पर गिरी हुई पत्तियों और सूखी घास में आग लगा देते हैं ताकि उसकी जगह नई घास उग सके फिर यही छोटी आग बेकाबू होकर जंगल में फैल जाती है वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जंगल में आग लगने की साल 2022 में 2186 और 2023 में 773 घटनाएं हुई इस मामले में आगे जो भी अपडेट आएगा हम आप तक यूं ही पहुंचाते रहेंगे.Uttrakhand Fire News.

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